भारत
देश है हमारा,
मुझे
जान से है प्यारा,
ये
उजाड़ वतन हमारा,
ये
बर्बाद होता चमन हमारा,
हे!
भगवन कुछ ऐसा कर दे,
सब
लोग बन जाएँ अच्छें,
नफरत
की लू बंद हो जाएँ,
प्यार
की चले ठंडी हवाएं,
इसके
दुश्मन कुछ न कर पाएं,
भारत
फिर से एक हो जाएँ,
देश
ये उन्नति करता जाएँ,
दुश्मन
मन मसोस के रह जाएँ,
मगर
देख के हालात ऐसा हे लगता,
इसपर
होने वाला हे दुश्मन का हमला,
कही
फिर न बन जायें भारत ग़ुलाम,
और
हम सब बेचे जाएँ, कौड़ियों के दाम.
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